Hisar weather News: The sudden change in weather in the area spoiled the hard work of the farmers. Light drizzle that started on Thursday night turned into heavy rain and hailstorm on Friday evening, due to which crops standing in the fields in many villages were ruined.
हिसार: क्षेत्र में अचानक बदले मौसम ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। वीरवार रात से शुरू हुई हल्की बूंदाबांदी ने शुक्रवार शाम को तेज बारिश और ओलावृष्टि का रूप ले लिया, जिससे कई गांवों में खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं। बारिश के साथ गांव धांसू, किरतान, मात्रश्याम, शाहपुर, कालवास, गैबीपुर, चिड़ौद, मंगाली, सुलखनी, तलवंडी राणा और बुगाना सहित दस से अधिक गांवों में करीब पांच मिनट तक ओले गिरे।
गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान
किसानों के मुताबिक, इस समय गेहूं की फसल बढ़ने की अंतिम अवस्था में है और सरसों की फलियां भी पूरी तरह तैयार हो चुकी थीं। तेज हवा और ओलों के कारण गेहूं की फसल बिछ गई और सरसों की फलियां टूटकर जमीन पर गिर गईं। इससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है। ओलों की मार से गेहूं के दाने कमजोर हो सकते हैं, जिससे उपज की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
इस बार की ओलावृष्टि ने खासकर सरसों के किसानों को बड़ा झटका दिया है। किसान बताते हैं कि सरसों की कटाई का समय आ गया था, ऐसे में ओले गिरने से उसकी फलियां झड़ गईं और उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है।
खेतों में पानी भरने से बढ़ी परेशानी
बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों को और ज्यादा नुकसान हो सकता है। पानी के जमाव के कारण जड़ों में सड़न की समस्या भी आ सकती है। किसान सुबह खेतों में जाकर ही सही नुकसान का आकलन कर सकेंगे, लेकिन शुरुआती अनुमान के मुताबिक, इस खराब मौसम ने कई किसानों की फसल का 30 से 40 फीसदी हिस्सा बर्बाद कर दिया है।
किसानों ने की मुआवजे की मांग
नुकसान से परेशान किसानों ने प्रशासन से फसलों की गिरदावरी करवाने और उचित मुआवजा देने की मांग की है। किसानों का कहना है कि खेती पहले से ही घाटे का सौदा बनती जा रही है, ऊपर से इस तरह के अचानक बदलाव से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ता है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द इस नुकसान की भरपाई के लिए राहत पैकेज जारी करेगी।
आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 1 और 2 मार्च को भी बारिश की संभावना बनी हुई है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों को अधिक पानी से बचाने की कोशिश करें और जलभराव वाले इलाकों में उचित निकासी का इंतजाम करें।
किसानों का कहना है कि अगर बारिश और ओलावृष्टि का सिलसिला जारी रहा, तो गेहूं और सरसों के साथ-साथ अन्य फसलों को भी गंभीर नुकसान हो सकता है। जिन किसानों ने सब्जियों की खेती कर रखी है, उन्हें भी इस बेमौसम बारिश से नुकसान हुआ है। टमाटर, गोभी और मिर्च जैसी सब्जियों की फसल को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है।
सरकार से राहत की उम्मीद
हर साल बदलते मौसम और प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलने वाले किसानों को इस बार भी सरकार से राहत की उम्मीद है। वे चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजा प्रदान करे, ताकि वे फिर से खेती के लिए तैयार हो सकें। प्रशासन को भी चाहिए कि वह तत्काल गिरदावरी करवा कर प्रभावित किसानों की मदद करे।
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निष्कर्ष
किसान पूरे साल कड़ी मेहनत कर फसल तैयार करते हैं, लेकिन अचानक बदलता मौसम उनकी मेहनत पर पानी फेर देता है। इस बार भी बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रशासन और सरकार को किसानों की इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द से जल्द राहत के लिए कदम उठाने चाहिए। किसानों को भी सतर्क रहकर मौसम की जानकारी लेते रहनी चाहिए, ताकि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए पहले से तैयार रह सकें।