Sunday, April 20, 2025

Hisar News: किसानों की मेहनत पर पानी: हरियाणा की मंडियों में बारिश और अंधड़ से बर्बाद हुई फसल, सरकार के दावों की खुली पोल  

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Hisar News: Once again, bad weather and government mismanagement in Haryana has ruined the hard work of the farmers. The heavy storm and rain on Friday evening drenched the wheat crop kept in the open in the mandis in more than 11 districts of the state. This not only ruined the crop but also destroyed the crops.

Hisar News: हरियाणा में एक बार फिर मौसम की मार और सरकारी अव्यवस्थाओं ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। शुक्रवार शाम आए तेज अंधड़ और बारिश ने प्रदेश के 11 से अधिक जिलों में मंडियों में खुले में रखी गेहूं की फसल को भीगा दिया। इससे न केवल फसल खराब हो गई, बल्कि किसान अब उचित दाम और समय पर भुगतान को लेकर भी चिंता में हैं।

बारिश से भीगी लाखों टन फसल

रोहतक, जींद, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, यमुनानगर, फरीदाबाद, हिसार, पानीपत और भिवानी जिलों में बारिश के चलते मंडियों में खुले में रखा लाखों टन गेहूं पानी में भीग गया। अधिकतर जगहों पर तिरपालों की कमी देखी गई। कई जिलों में तो किसानों ने मजबूरी में अपनी फसल को चादरों से ढकने की कोशिश की।

जींद में तिरपाल की कमी से किसान परेशान दिखे। वहीं करनाल के मुनक में एजेंसियों द्वारा खरीदी गई फसल उठान में देरी के कारण भीग गई। अंबाला के सम्भालखा और मुलाना क्षेत्रों में तो ओलावृष्टि ने भी फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया।

सरकारी व्यवस्था बेनकाब

हालात यह हैं कि मंडियों में न तो बारिश से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही समय पर फसल की उठान हो रही है। आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 417 मंडियों में अब तक सिर्फ 25.59% गेहूं की उठान ही हो पाई है। 44 लाख 37 हजार मीट्रिक टन गेहूं अब तक मंडियों में पहुंचा है, लेकिन सिर्फ 11 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही उठाया जा सका है।

मंत्री बोले – उठान में होगी तेजी

प्रदेश के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने दावा किया कि जल्द ही उठान कार्य को तेज किया जाएगा। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि उठान कार्य में कोई देरी न हो और किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

विपक्ष का हमला

वहीं विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार केवल कागजों पर किसानों के हितैषी होने का दावा करती है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार के दावों की सच्चाई मंडियों में बिखरा भीगा गेहूं है। न मंडियों में शेड हैं, न तिरपाल, और न ही उठान की कोई गति। ऐसे में किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।

हिसार में आफत बना अंधड़, फसल जलकर राख

हिसार में शुक्रवार शाम को तेज अंधड़ के साथ बिजली गिरने और आग लगने की घटनाएं भी सामने आईं। जिले के कई गांवों जैसे मय्यड़, मिर्जापुर, अग्रोहा, बुगाना आदि में करीब 100 एकड़ से ज्यादा फसल जलकर राख हो गई। गांव सीसवाला में अकेले 30 एकड़ फसल नष्ट हुई। आदमपुर में भी 5 एकड़ गेहूं की खड़ी फसल आग की चपेट में आ गई।

ग्रामीणों ने खुद संभाला मोर्चा

दमकल विभाग के पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने ट्रैक्टर और टैंकरों से आग बुझाने की कोशिश की। सीसवाला, किरतान, और रावलवास खुर्द के सैकड़ों ग्रामीणों ने मिलकर आग पर काबू पाया। यह दृश्य दर्शाता है कि प्राकृतिक आपदा के समय कैसे ग्रामीण अपनी मेहनत को बचाने के लिए जान की बाजी लगाते हैं।

बिजली व्यवस्था चरमराई

तेज अंधड़ के चलते बिजली के पोल टूट गए और तार गिरने से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। बिजली निगम की टीमें रातभर क्षेत्रों में घूम-घूमकर बिजली बहाल करने की कोशिश में लगी रहीं।

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सरकार का दावा – दो लाख किसानों से खरीदी हो चुकी फसल

हरियाणा सरकार का दावा है कि अब तक 2 लाख किसानों से गेहूं खरीदी गई है और करीब 1,400 करोड़ रुपये उनके खातों में सीधे भेजे जा चुके हैं। 16 अप्रैल तक 4.93 लाख मीट्रिक टन सरसों की भी खरीद हो चुकी है, जिसमें से 3.40 लाख मीट्रिक टन की उठान हो चुकी है।

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निष्कर्ष

हरियाणा में मौसम और सरकारी कुप्रबंधन ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में मेहनत से उगाई गई फसल जब मंडियों में भीग जाती है या जलकर राख हो जाती है, तब एक किसान के सपने भी उसी फसल के साथ खत्म हो जाते हैं। यह समय है जब सरकार को किसानों की बात सिर्फ मंच से कहने की बजाय धरातल पर अमल करने की जरूरत है।

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