Hisar News: In Haryana, negligence is being seen again and again regarding the security of Chief Minister Nayab Singh Saini. Recently, during the pre-budget meeting held in Panchkula, a person reached the Chief Minister’s convoy on a bike. When the police tried to remove him, he clashed with the officers and issued threats.
हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सुरक्षा को लेकर बार-बार लापरवाही देखने को मिल रही है। हाल ही में पंचकूला में हुई प्री-बजट बैठक के दौरान एक व्यक्ति मुख्यमंत्री के काफिले के पास बाइक लेकर पहुंच गया। जब पुलिस ने उसे हटाने की कोशिश की, तो उसने अधिकारियों से उलझकर धमकियां दीं। आखिरकार, पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी।
पंचकूला में सुरक्षा में सेंध
सोमवार को पंचकूला स्थित रेड बिशप में सरकार की प्री-बजट बैठक थी, जिसमें मुख्यमंत्री समेत कई विधायक और अधिकारी मौजूद थे। इसी दौरान एक व्यक्ति बाइक लेकर काफिले के पास पहुंच गया। पुलिस ने जब उसे रोका, तो वह उलझने लगा और धमकाने लगा कि हाथ लगाया तो हाथ तोड़ दूंगा। पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सवाल यह उठता है कि वह काफिले के पास पहुंचा कैसे?
पंजाब भवन के पास 15 मिनट खड़ा रहा काफिला
20 फरवरी को भी मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी। पंजाब भवन का गेट बंद होने की वजह से दोनों नेताओं का काफिला 15 मिनट तक सड़क पर खड़ा रहा। यह सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मामला था। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह रास्ता कभी बंद नहीं होना चाहिए और वहां गार्ड की तैनाती होनी चाहिए थी।
फरीदाबाद रोड शो में आप नेता की हरकत
23 फरवरी को फरीदाबाद में नगर निगम चुनाव के प्रचार के दौरान एक और घटना सामने आई। आम आदमी पार्टी के नेता सुदेश राणा सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए मुख्यमंत्री के वाहन के सामने आ गए। उन्होंने शर्ट उतारकर काला झंडा लहराया। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उन्हें हिरासत में ले लिया, लेकिन सवाल यह है कि कोई भी इतनी आसानी से सुरक्षा घेरा तोड़कर मुख्यमंत्री तक कैसे पहुंच सकता है?
सुरक्षा में लगातार लापरवाही
इन घटनाओं ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। अगर कोई व्यक्ति इतनी आसानी से काफिले के पास पहुंच सकता है या रोड शो में सुरक्षा घेरा तोड़ सकता है, तो यह गंभीर खतरा साबित हो सकता है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इन चूकों को रोकने के लिए सुरक्षा को और कड़ा करने की जरूरत है। हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
जनता में भी उठ रहे सवाल
इन घटनाओं के बाद जनता भी सवाल उठा रही है कि अगर मुख्यमंत्री की सुरक्षा इतनी कमजोर है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा? सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा हो रही है। लोग प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं कि बार-बार ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन अब सतर्क हो गया है और अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। अब काफिले और रोड शो के दौरान सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा, CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और सुरक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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निष्कर्ष
हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सुरक्षा में लगातार चूक हो रही है। पंचकूला, फरीदाबाद और पंजाब भवन के सामने हुई घटनाओं से साफ है कि सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। सरकार को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।