Sunday, April 20, 2025

Hisar Aanganwadi News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का प्रदर्शन: अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर दिया धरना

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Hisar Aanganwadi News:  In Haryana, Anganwadi workers and assistants demonstrated outside the Mini Secretariat on Tuesday regarding their demands. During this, the protesting women raised slogans against the government with mobile phones in their hands and expressed their displeasure.

Hisar Aanganwadi News:हरियाणा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हाथों में मोबाइल लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पोषण ट्रेकर ऐप के जरिए सरकार उनकी जासूसी कर रही है और इस ऐप को तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

1975 से कर रही हैं सेवा, फिर भी नहीं मिल रहे उचित अधिकार

प्रदर्शन में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि हरियाणा की आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर केंद्र व राज्य सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना “आईसीडीएस” (एकीकृत बाल विकास योजना) के तहत पिछले 50 वर्षों से सेवाएं दे रही हैं।

वे 5 साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को कुपोषण व बीमारियों से बचाने का काम करती हैं। शुरुआत में इस कार्य के लिए मामूली मानदेय दिया जाता था, लेकिन अब इतने सालों के बाद भी उनकी स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ।

मोबाइल ऐप से असुविधा, महिलाओं की निजता का हनन

प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना था कि सरकार द्वारा लागू किया गया “पोषण ट्रेकर ऐप” उनकी निजता का हनन कर रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस ऐप के जरिए सरकार उन पर नजर रख रही है और उनकी हर गतिविधि को रिकॉर्ड किया जा रहा है। महिलाओं का कहना था कि वे पहले से ही कई काम संभाल रही हैं, ऊपर से इस ऐप के जरिए उनका कार्य और अधिक जटिल कर दिया गया है।

2021-22 की हड़ताल के दौरान टर्मिनेट हुईं कार्यकर्ताओं को वेतन देने की मांग

प्रदर्शन के दौरान जिला प्रधान ने सरकार के सामने कुछ महत्वपूर्ण मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में जब आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी, तब 975 वर्कर्स को टर्मिनेट कर दिया गया था।

बाद में सरकार ने उन्हें बहाल तो कर दिया, लेकिन टर्मिनेशन के समय का वेतन अभी तक नहीं दिया गया। उन्होंने मांग की कि सरकार उन सभी कार्यकर्ताओं का रुका हुआ वेतन जल्द से जल्द जारी करे।

बीएलओ की ड्यूटी हटाने और ऑनलाइन रिचार्ज राशि बढ़ाने की मांग

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन पर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की ड्यूटी थोप दी गई है, जिससे उनके काम का बोझ और बढ़ गया है।

उन्होंने मांग की कि उनकी बीएलओ की ड्यूटी तुरंत हटाई जाए और उन्हें सिर्फ अपने मूल कार्यों पर ध्यान देने दिया जाए।

साथ ही, वे चाहती हैं कि सरकार द्वारा ऑनलाइन रिचार्ज के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति माह तक बढ़ाया जाए, ताकि वे आसानी से डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकें।

पीएम मातृत्व वंदना योजना का भुगतान करने की मांग

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग की कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) के तहत पिछले तीन साल से रुका हुआ बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाए।

इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की देखभाल के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। लेकिन इस योजना की राशि समय पर न मिलने से महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Hisar Aanganwadi News

सरकार से मांग: हमारी आवाज सुनी जाए

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन सरकार उनकी बातों को अनसुना कर रही है।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगी।

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निष्कर्ष

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अपने हक और बेहतर सुविधाओं की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

उन्होंने पोषण ट्रेकर ऐप को बंद करने, नियमित सरकारी कर्मचारी घोषित करने, रुके हुए वेतन का भुगतान करने और बीएलओ की ड्यूटी हटाने जैसी कई मांगें रखीं।

 

 

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