Chhatrapal Soni Death News, In Hisar, senior Congress leader and mayor’s post contender Chhatrapal Soni died of heart attack on Friday. He had gone on a dharna along with the family members of missing girl Gudiya at Surewala turn of Uklana.
हिसार: हिसार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मेयर पद के दावेदार छत्रपाल सोनी का शुक्रवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह उकलाना के सुरेवाला मोड़ पर लापता लड़की गुड़िया के परिजनों के साथ धरने पर गए थे। इसी दौरान अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वह धरना छोड़कर अपनी कार में बैठ गए। आनन-फानन में उन्हें हिसार के सर्वेश अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
धरने के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ी
दरअसल, हिसार की गीता कॉलोनी के रहने वाले सुनील कुमार की 16 वर्षीय बेटी 29 सितंबर से लापता है। लड़की के परिजन इस मामले को लेकर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उकलाना में उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी सूचना पर कांग्रेस नेता छत्रपाल सोनी और उनके साथी भी उकलाना पहुंच गए।
जब पुलिस लड़की के परिजनों को रोक रही थी, तो कांग्रेस नेता सुनील कुमार के साथ आगे बढ़ने लगे। इसी दौरान छत्रपाल सोनी को अचानक सीने में तेज दर्द महसूस हुआ और वह तुरंत अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गए। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
अस्पताल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़
छत्रपाल सोनी के निधन की खबर सुनते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जमावड़ा अस्पताल में लग गया। सभी नेता और कार्यकर्ता दुखी नजर आए। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए सेक्टर-33 स्थित उनके निवास पर रखा जाएगा, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राजनीतिक सफर और योगदान
छत्रपाल सोनी कांग्रेस के समर्पित नेता थे और पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ थी। वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते थे और हमेशा जनता के हितों के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने कई बार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जनता के बीच अपनी पहचान बनाई। उनकी समाजसेवा और राजनीतिक सूझबूझ के कारण उन्हें पार्टी में एक मजबूत स्तंभ माना जाता था।
उनका निधन न केवल पार्टी के लिए, बल्कि हिसार के राजनीतिक परिदृश्य के लिए भी एक बड़ी क्षति है। उन्होंने हमेशा सामाजिक न्याय की आवाज उठाई और गरीबों की सहायता के लिए आगे रहे।
व्यक्तिगत जीवन और व्यवसाय
52 वर्षीय छत्रपाल सोनी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए थे। उनका परिवार राजगुरु मार्केट में कपड़ों का व्यवसाय करता है। वह दो बेटों के पिता थे और अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने कई सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्य किया और गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की सहायता की।
सामाजिक कार्यों में योगदान
छत्रपाल सोनी न केवल एक राजनेता थे, बल्कि समाजसेवा में भी काफी सक्रिय रहते थे। उन्होंने कई बार गरीबों और जरूरतमंदों के लिए सहायता शिविर लगाए, स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाईं और शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया। उनकी अचानक हुई मौत से उनके समर्थक और आम जनता भी गहरे सदमे में हैं।
कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर
छत्रपाल सोनी के निधन से कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके परिवार को सांत्वना दी और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्टी का कहना है कि उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
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निष्कर्ष
छत्रपाल सोनी का यूं अचानक चले जाना न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि पूरे हिसार के लिए बड़ी क्षति है। उनके संघर्षशील और जुझारू व्यक्तित्व को हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से पार्टी और जनता में शोक की लहर है। राजनीति में उनकी जगह कोई और नहीं ले सकता, लेकिन उनके विचार और कार्य हमेशा प्रेरणादायक रहेंगे।