Adampur Bhavya Bishnoi News:Bhavya Bishnoi, grandson of former Haryana Chief Minister Chaudhary Bhajan Lal and son of former MP Kuldeep Bishnoi, is embroiled in a new controversy. During the inauguration of a canal (Khal) in Adampur, he got his name written on the stone slab by calling himself an MLA.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के पोते और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई एक नए विवाद में घिर गए हैं। आदमपुर में एक नहर (खाल) के उद्घाटन के दौरान उन्होंने खुद को विधायक बताकर शिलापट्ट पर अपना नाम लिखवाया। उनके इस कदम के बाद हिसार में सियासत गरमा गई है और विपक्षी दलों ने इसे नियमों का उल्लंघन बताया है।
क्या है पूरा मामला?
भव्य बिश्नोई आदमपुर के गांव सुंडावास पहुंचे थे, जहां उन्हें 35 एकड़ के खाल (खेतों में पानी पहुंचाने वाली छोटी नहर) के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था। उद्घाटन के बाद उन्होंने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी साझा कीं।
विवाद तब खड़ा हुआ जब लोगों ने देखा कि उद्घाटन स्थल पर लगे शिलापट्ट पर उनके नाम के नीचे ‘विधायक’ लिखा हुआ था। हालांकि, भव्य इस समय विधायक नहीं हैं, बल्कि वे 2019 से 2024 तक विधायक रह चुके हैं। जब इस गलती पर ध्यान गया, तो शिलापट्ट पर मार्कर से ‘पूर्व विधायक’ जोड़कर इसे ठीक किया गया।
विपक्ष ने लगाए आरोप
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं और स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। आदमपुर ब्लॉक समिति के सदस्य शुभम शुक्ला ने कहा कि भव्य बिश्नोई इस तरह से लोगों को भ्रमित कर रहे हैं और यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि भव्य को अपनी पहचान साफ रखनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने जानबूझकर विधायक के तौर पर उद्घाटन किया, जिससे जनता में गलत संदेश गया।
सरपंच का बयान
जब इस विवाद पर गांव सुंडावास के सरपंच संपत सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे एक गलती बताया। उनका कहना था कि पत्थर पर नाम गलत छप गया था, जिसे अब ठीक कर दिया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब भव्य बिश्नोई को लेकर ऐसा विवाद हुआ है। इससे पहले गांव ढंढूर में भी उन्होंने एक जलघर का उद्घाटन किया था, जबकि इसका उद्घाटन पहले ही स्थानीय सरपंच कर चुके थे। इसके बावजूद भव्य ने वहां अपनी नेम प्लेट लगवाई, जिससे सवाल उठने लगे कि क्या वे जानबूझकर ऐसे काम कर रहे हैं?
भव्य बिश्नोई पर क्यों हो रही है चर्चा?
भव्य बिश्नोई बीजेपी से जुड़े हुए हैं और आदमपुर क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं। वे अपने पिता कुलदीप बिश्नोई की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बार-बार प्रोटोकॉल तोड़ने और विवादों में घिरने की वजह से उनकी छवि पर असर पड़ सकता है।
क्या होगा आगे?
इस मुद्दे को लेकर अभी तक भव्य बिश्नोई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, अगर वे भविष्य में फिर से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, तो उन्हें अपनी छवि को लेकर सतर्क रहना होगा।
राजनीति में छवि बहुत मायने रखती है, और इस तरह के विवाद किसी भी नेता के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। आदमपुर की जनता को यह देखना होगा कि उनके क्षेत्र की असली समस्याओं पर कितना ध्यान दिया जा रहा है और क्या उनके नेता सही मुद्दों पर काम कर रहे हैं या सिर्फ प्रचार में लगे हुए हैं।
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निष्कर्ष
भव्य बिश्नोई का खाल उद्घाटन विवाद ने राजनीति में एक नया मोड़ जोड़ दिया है। विपक्षी दल इसे नियमों का उल्लंघन बता रहे हैं, जबकि उनके समर्थक इसे एक साधारण गलती कह रहे हैं। अब देखना यह होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है और इसका भव्य बिश्नोई की राजनीतिक छवि पर क्या असर पड़ता है।