The court of Additional District and Sessions Judge Khatri Saurabh in Haryana’s Hisar district has given a major verdict in a case of beef smuggling. The court has convicted Meerut resident Shan Mohammad and sentenced him to four years of rigorous imprisonment and a fine of Rs 30,000.
हिसार: हरियाणा के हिसार जिले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश खत्री सौरभ की अदालत ने गोमांस तस्करी के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने मेरठ निवासी शान मोहम्मद को दोषी मानते हुए चार साल के कठोर कारावास और 30,000 रुपये जुर्माने की सजा दी है। अगर वह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने यह सजा हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गोसंवर्धन अधिनियम के तहत दी है।
क्या था पूरा मामला?
इस मामले की शुरुआत 5 नवंबर 2022 को हुई जब सिटी थाना पुलिस ने केस दर्ज किया। बरवाला निवासी महिपाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 4 नवंबर की रात उन्हें सूचना मिली कि ढंढूर गांव के पास एक पिकअप में गोमांस ले जाया जा रहा है। सूचना के आधार पर महिपाल अपने साथी मोहित और अन्य लोगों के साथ सिरसा चुंगी के पास पहुंचे।
कुछ देर बाद एक पिकअप गाड़ी ढंढूर की तरफ से आती दिखाई दी। जब उन्होंने उसे रोकने का इशारा किया तो चालक ने उन पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। स्थिति बिगड़ती देख उन्होंने तुरंत डायल 112 पर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पिकअप को रोका और तलाशी ली, जिसमें लगभग 35 क्विंटल गोमांस बरामद हुआ। चालक की पहचान मेरठ निवासी शान मोहम्मद के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर सिटी थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
अदालत में चली सुनवाई
इस मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने ठोस सबूत पेश किए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि शान मोहम्मद गोमांस तस्करी में शामिल था। अदालत ने 18 मार्च 2025 को उसे दोषी करार दिया और 19 मार्च को सजा सुनाई।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि राज्य में गोवंश संरक्षण कानून लागू है और इस तरह की तस्करी गैरकानूनी है। दोषी को इस अपराध की सजा दी जानी जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सके।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
जब यह मामला सामने आया था, तब कई सामाजिक संगठनों के सदस्य सिटी थाना पहुंचे थे और कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने गोवंश संरक्षण कानून के सख्त पालन पर जोर दिया था। अब जब अदालत ने अपना फैसला सुनाया है, तो सामाजिक संगठनों ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है।
क्या है हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गोसंवर्धन अधिनियम?
हरियाणा में गोवंश संरक्षण के लिए सख्त कानून हैं। यह अधिनियम राज्य में गोवंश की हत्या, तस्करी और गोमांस रखने पर प्रतिबंध लगाता है। यदि कोई इस कानून का उल्लंघन करता है, तो उसे कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस मामले में भी इसी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई और दोषी को चार साल की सजा सुनाई गई।
अपराध और सजा का संदेश
अदालत का यह फैसला एक मिसाल है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई से भविष्य में लोग ऐसे अपराध करने से पहले कई बार सोचेंगे।
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निष्कर्ष
यह मामला गोवंश संरक्षण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन की ओर संकेत करता है। पुलिस और न्यायपालिका की सक्रियता से दोषी को सजा मिली, जिससे समाज में एक मजबूत संदेश गया कि कानून का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। अदालत के इस फैसले के बाद उम्मीद है कि इस तरह के अपराधों में कमी आएगी और लोग कानून का सम्मान करेंगे।