Villagers protested in Agroha village on Hisar-Sirsa National Highway demanding poor service lines and other basic facilities. In the protest, former Finance Minister of Haryana, Prof. Sampat Singh also arrived and made serious allegations against the government and the toll-collecting agencies.
हिसार-सिरसा नेशनल हाईवे पर अग्रोहा गांव में खराब सर्विस लाइन और अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने धरना दिया। इस धरने में हरियाणा के पूर्व वित्तमंत्री प्रो. संपत सिंह भी पहुंचे और सरकार व टोल वसूलने वाली एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये टोल वसूलने के बावजूद जनता को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
अग्रोहा में टोल वसूली पर उठाए सवाल
प्रो. संपत सिंह ने कहा कि अग्रोहा से हिसार जाने के लिए भी टोल देना पड़ता है और अगर सिरसा की ओर जाएं तो भी टोल चुकाना पड़ता है। यह पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे से हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये की टोल वसूली हो रही है, लेकिन हाईवे पर सर्विस लेन की हालत बदतर होती जा रही है। सरकार और टोल कंपनियां जनता की मूलभूत जरूरतों को नजरअंदाज कर रही हैं।
टूटी सर्विस लेन बनी हादसों की वजह
प्रो. संपत सिंह ने बताया कि अग्रोहा गांव नेशनल हाईवे पर स्थित होने के कारण यहां यातायात का दबाव काफी ज्यादा रहता है। लेकिन अधूरी सर्विस लाइन और खराब चौक के कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। टूटी सड़कों की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और संबंधित विभागों को इस समस्या का समाधान तुरंत करना चाहिए।
गांववासियों की मांगें और विरोध प्रदर्शन
ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि टोल के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है, लेकिन जनता को सुविधाएं नहीं मिल रहीं। खराब सर्विस लेन की वजह से वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भारी ट्रैफिक और गड्ढों से भरी सड़कों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
प्रशासन से जल्द समाधान की अपील
धरने के दौरान प्रो. संपत सिंह और अन्य स्थानीय नेताओं ने एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से अपील की कि वे जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्या का समाधान करें। उन्होंने कहा कि सरकार और टोल वसूलने वाली कंपनियों को यह देखना चाहिए कि जनता को सड़क की सही सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं। अगर जल्द ही सर्विस लेन की मरम्मत नहीं की गई, तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
धरने में शामिल प्रमुख लोग
इस विरोध प्रदर्शन में कई स्थानीय नेता और ग्रामीण शामिल हुए। अनूप गोदारा, पूर्व सरपंच बलवीर भांभू, लीलूराम मूंड, कैलाश गिरधर, अजीत राठौड़, केडी अग्रोहा, तेजपाल राठौड़, सुभाष गोदारा, दलीप चौहान आदि लोग धरने में मौजूद रहे। सभी ने मिलकर एक सुर में प्रशासन से अपील की कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें।
ग्रामीणों का गुस्सा और चेतावनी
ग्रामीणों ने साफ कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ टोल वसूलने की चिंता है, लेकिन जनता की तकलीफों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। अगर जल्द ही खराब सड़कों और सर्विस लेन को दुरुस्त नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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निष्कर्ष
अग्रोहा गांव में चल रहे इस धरने ने सरकार और टोल वसूलने वाली एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। करोड़ों रुपये टोल वसूली के बावजूद, बुनियादी सड़क सुविधाओं की अनदेखी से जनता परेशान है। ग्रामीणों की मांगें जायज हैं और प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।