Sunil Soni, a resident of Azad Nagar in Hisar district, has been struggling for the last three months to search for his 16-year-old daughter. His daughter had suddenly gone missing from home on September 29.
हिसार जिले में आजाद नगर के निवासी सुनील सोनी अपनी 16 वर्षीय बेटी की तलाश के लिए पिछले तीन महीने से संघर्ष कर रहे हैं। उनकी बेटी 29 सितंबर को अचानक घर से लापता हो गई थी। इस मामले में न्याय और बेटी की खोज की मांग को लेकर सुनील ने हरसंभव कोशिश की है। पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकलने पर अब उन्होंने लघु सचिवालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है।
सुनील सोनी का संघर्ष और प्रशासन की उदासीनता
सुनील सोनी ने बेटी के लापता होने के बाद लगातार पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई और कई दिनों तक अपनी बेटी की तलाश करने के लिए मदद मांगी। हालांकि, उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नवंबर महीने में उन्होंने तीन दिन तक लघु सचिवालय के बाहर धरना दिया, लेकिन पुलिस के आश्वासन पर वह घर लौट गए।
दिसंबर महीने में उन्होंने फिर से 14 दिनों तक धरना दिया। इस दौरान एसडीएम और डीएसपी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी बेटी का पता लगाया जाएगा। सुनील को यह विश्वास दिलाने के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण उनका धैर्य टूट गया।
सीएम से मुलाकात और एसआईटी की जांच
9 जनवरी को, जब सुनील सोनी मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर सुनील ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। बाद में उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने दिया गया। मुख्यमंत्री के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया।
एसआईटी का नेतृत्व डीएसपी कंवलजीत सिंह को सौंपा गया। उन्होंने मामले की जांच शुरू की और लापरवाही के आरोपों के कारण एएसआई सुनीता को निलंबित कर दिया गया। इसके बावजूद, 10 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सुनील की बेटी का कोई सुराग नहीं मिला।
धरने में समाज का समर्थन
सोमवार को, सुनील के संघर्ष को देखकर समाज के लोग भी उनके समर्थन में आ गए। समाज के लोगों ने क्रांतिमान पार्क और फव्वारा चौक से लघु सचिवालय तक एक विरोध मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए और सुनील के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।
सुनील सोनी का कहना है कि वह अपनी बेटी की खोज के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और तब तक धरना जारी रखेंगे जब तक उनकी बेटी का पता नहीं चल जाता।
परिवार और समाज का दर्द
सुनील की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य भी उनके साथ धरने पर बैठे हैं। इस संघर्ष ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। लोग बेटी की सुरक्षा और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
सुनील ने बताया कि उनकी बेटी को खोजने में देरी प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो उनकी बेटी का अब तक पता लग चुका होता।
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यह मामला एक पिता के दर्द और संघर्ष को दर्शाता है, जो अपनी बेटी को वापस पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। प्रशासन की ओर से भले ही एसआईटी बनाई गई हो, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। समाज का समर्थन इस बात का प्रतीक है कि जनता भी सुनील के साथ खड़ी है।
यह जरूरी है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करे और सुनील की बेटी को खोजकर परिवार को न्याय दिलाए। सुनील के संघर्ष ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के लिए हमारे प्रशासन की तैयारी कितनी मजबूत है।