Sunday, April 20, 2025

किसान नेता डल्लेवाल के समर्थन में हिसार में धरना समाप्त

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हिसार: हिसार के लघु सचिवालय में मंगलवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में धरने पर बैठे किसानों ने बुधवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया। पगड़ी संभाल जट्टा यूनियन के बैनर तले जुटे किसानों ने जिला प्रशासन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा और अपनी आवाज उठाई। किसानों का यह एक दिवसीय धरना मंगलवार दोपहर 12 बजे शुरू हुआ था और बुधवार दोपहर 1 बजे समाप्त हो गया।

धरने का उद्देश्य

यह धरना भारतीय किसान यूनियन (एकता) के नेता डल्लेवाल के समर्थन में आयोजित किया गया था। किसान अपनी प्रमुख मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। इन मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून, बकाया बिजली बिल माफी, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी और अन्य कृषि संबंधित मुद्दे शामिल हैं।

किसानों का कहना है कि सरकार उनके मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है। डल्लेवाल जैसे नेताओं का समर्थन करना जरूरी है क्योंकि वे किसानों के अधिकारों के लिए सशक्त रूप से लड़ रहे हैं।

शांतिपूर्ण विरोध और अनशन

धरने पर बैठे किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक लघु सचिवालय के बाहर बैठकर नारेबाजी की और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की। इस दौरान किसानों ने दूध पीकर अपना अनशन समाप्त किया।

धरने में हिस्सा लेने वाले किसानों ने कहा, “हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है।”

मांग पत्र सौंपा गया

बुधवार को दोपहर 1 बजे किसानों ने अपना ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने सरकार से तुरंत उनकी मांगों पर कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

ज्ञापन सौंपने के बाद यूनियन के नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। यदि सरकार ने समय पर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे आगे भी प्रदर्शन जारी रखेंगे।

किसान नेता डल्लेवाल के समर्थन में हिसार में धरना समाप्त

किसानों की प्रमुख मांगे

1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी): किसानों ने एमएसपी पर कानून की मांग की, ताकि उन्हें उनकी फसलों का सही दाम मिल सके।

2. बिजली बिल माफी: किसानों पर बकाया बिजली बिल को माफ करने की मांग।

3. मुकदमों की वापसी: आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लिया जाए।

4. फसल बीमा योजना में सुधार: बीमा दावों के निपटारे में हो रही देरी को खत्म किया जाए।

किसानों का समर्थन बढ़ा

धरने में हिसार और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। हरियाणा के अन्य हिस्सों से भी किसान नेता और यूनियन के सदस्य पहुंचे। उन्होंने एकजुटता दिखाते हुए सरकार को चेतावनी दी कि यदि किसानों की मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो हरियाणा में बड़े स्तर पर प्रदर्शन होंगे।

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स्थानीय प्रशासन का जवाब

धरने के दौरान स्थानीय प्रशासन ने किसानों से बातचीत की। प्रशासन ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। लेकिन किसानों ने स्पष्ट किया कि वे केवल आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें ठोस कार्रवाई चाहिए।

आगे की रणनीति

धरना समाप्त होने के बाद यूनियन नेताओं ने कहा कि वे जल्द ही बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करती रही, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसमें राज्यभर के किसान शामिल होंगे।

अब यह देखना होगा कि सरकार उनकी मांगों पर क्या कदम उठाती है। किसानों का यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन बताता है कि वे अपने मुद्दों को लेकर गंभीर हैं। यह उम्मीद की जा सकती है कि सरकार जल्द ही किसानों की समस्याओं का समाधान करेगी, ताकि उन्हें राहत मिल सके।किसानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मांगें केवल नारेबाजी या ज्ञापन तक सीमित नहीं रहेंगी।

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